Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
दर-हक़ीक़त ये है कि मां की बदौलत हम हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

दर-हक़ीक़त ये है कि मां की बदौलत हम हैं

  • 74
  • 1 Min Read

हालांकि कसीदे बेशुमार कहे गए मग़र फिर भी कम हैं
दर-हक़ीक़त तो ये है "बशर" कि मां की बदौलत हम हैं
@ "बशर"

InCollage_20240318_190408895_1715526590.jpg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg