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ज़रूरतें बदल जाती हैं इन्सान की - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ज़रूरतें बदल जाती हैं इन्सान की

  • 95
  • 1 Min Read

इक उम्र हुआ करती है अक़्सर किसी अरमान की
वक़्त के साथ ज़रूरतें बदल जाती हैं इन्सान की!!
© "बशर" بشر.

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