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कवितानज़्म
रौशनाई दिन की सितारों की रात झुक जाएगी एक तिरी जिद्द के आगे कायनात झुक जाएगी किसी रहबर की तुझ को नहीं है दरकार "बशर" सितारे रस्ते बताएंगे ये आदमजात झुक जाएगी © "बशर" بشر.