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तन्हा भी नहीं रहने देतीं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तन्हा भी नहीं रहने देतीं

  • 76
  • 1 Min Read

अकेले में मुझको अकेला भी नहीं रहने देतीं
उनकी यादें मुझको तन्हा भी नहीं रहने देतीं
जज़्ब रखने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं
वे यादें दिल में मिरे पिन्हाँ भी नहीं रहने देतीं
© 'बशर' بشر.

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