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कवितानज़्म
अकेले में मुझको अकेला भी नहीं रहने देतीं उनकी यादें मुझको तन्हा भी नहीं रहने देतीं जज़्ब रखने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं वे यादें दिल में मिरे पिन्हाँ भी नहीं रहने देतीं © 'बशर' بشر.