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हिम्मत बुलंद है जहां - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हिम्मत बुलंद है जहां

  • 33
  • 2 Min Read

हिम्मत बुलंद है जहां इन्सान की
बुलंदी क्या चीज़ है आस्मान की

हासिल उसे मंजिले-मक़्सूद हुई
लगा दी बाजी जिस ने जान की

सूरतें बदलदी खेत खलिहान की
हिम्मतने मेहनतकश किसान की

हिफ़ाज़त की देश की दुश्मनों से
हिम्मतने सजग सबल जवान की

हौसलों के दम पर ही "बशर" ने
जमाने में अपनी भी पहचान की

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर"

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