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Sahitya Arpan - Rajen Balan
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Rajen Balan

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  • London

    London is the capital city of England.

    कवितालयबद्ध कविता

    पथ प्रदर्शक

    • Added 1 month ago
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    • 25
    • 3 Mins Read

    ये जो तुम पथ भ्रष्ट हुए जा रहे हो
    याद रखना खुद से ही दूर जा रहे हो...
    ये जो तुम आधुनिक बनते जा रहे हो
    याद रखना अपनी ही संस्कृति भुला रहे हो...
    ये जो तुम मन से मैले हो रहे हो
    याद रखना अपनों से रिश्ते नाता
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    पथ प्रदर्शक,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    बचपन

    • Added 1 month ago
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    • 17
    • 5 Mins Read

    बचपन के वो खेल निराले जो अपनों के संग खेला करते थे
    आधुनिकता की दौड़ धूप से मिलो दूर जो रहते थे
    सुख दुख में सब साथी बनते आडंबर का कोई भाव नहीं
    बचपन के वो खेल निराले जो अपनों के संग खेला करते थे
    आधुनिकता
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    बचपन ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    बादळी

    • Added 1 month ago
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    • 23
    • 3 Mins Read

    जे तू बरस बादळी
    ओ कृसान हिंडोला खावलो
    रखगे आस ओ कंधे पर
    दिन गै दोफारा बाद में खेत में जुट जावगो
    जे तू बरस बादळी
    ओ कृसान हिंडोला खावलो
    इण माटी री गंध स्यूं
    ओ कृसान सोणो उपजावगो
    जे तू बरस बादळी
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    बादळी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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