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कवितानज़्म, अतुकांत कविता, गजल, गीत
मंज़र
मेरी आँखों में समंदर होगा
थोड़ा बाहर थोड़ा अंदर होगा
जब वो जायेगा छोड़कर मुझको
सोचता हूँ कैसा मंज़र होगा
आज कहते हो मसीहा जिसको
कल उसी के हाथ में खंजर होगा
आज हालात का जो है मारा हुआ
कल वोही
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कवितानज़्म, अतुकांत कविता, गजल, गीत
My new Ghazal
मगर नहीं होता
ग़म तुम्हारा अगर नहीं होता
हमसे तय ये सफर नहीं होता
जी में आता है कि मर जाएँ
ये भी हमसे मगर नहीं होता
धूप ही धूप है सफर में तमाम
राह में क्या शज़र नहीं होता
बस उसका जिस्म बचा था
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कवितानज़्म, अतुकांत कविता, लयबद्ध कविता, गजल, दोहा, चौपाई, गीत
आंसू का क़तरा
मैं वो आंसू का क़तरा हूँ
तेरी आँखों से उतरा हूँ
ढलक कर तेरे गालों से
ज़मीं पे गिर के बिखरा हूँ
मैं वो आंसू का क़तरा हूँ
ना अब सपना है कोई
ना अब अपना है कोई
ना अब बस्ती है मेरी
ना अब हस्ती
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कवितानज़्म, गजल
हम देखते रहे
जाते हुए उन्हें दूर तक हम देखते रहे
हर कदम ख़ूने जिगर हम देखते रहे
जो नज़र रहती थी हमीं पे हमेशा
फिरते हुए वो ही नज़र हम देखते रहे
बुसअत-ए-कारोबार कहाँ तक फैला
बिकते हुए ज़ेहनो जिगर हम
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कवितानज़्म, गजल, गीत
चला गया
गोया मेरी हयात से सब कुछ चला गया
एक शोला ए जुनूँ था मुझको जला गया
कहने को राब्ता-ए-दिल उससे था बड़ा मगर
लेकिन वो जब गया तो सब कुछ भुला गया
जितने भी ख़िरदमंद थे बचकर निकल गए
एक मैं ही बावला
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कवितानज़्म, गजल, गीत
आँखों में बसाने वाले
मुझको आँखों में बसाने वाले
हो गए कैसे ज़माने वाले
अपने चेहरे से डरते हैं क्यूँ
मुझको आईना दिखाने वाले
रूठता था तो बाँहों में समां लेते थे
कहाँ गए अब मुझको मनाने वाले
मेरी
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कवितानज़्म, गजल, गीत
आज किसी का दिल टूटा है
आज किसी का दिल टूटा है
आज बहुत रोया है कोई
आज किसी से कोई छूटा है
किसी का क्या खोया है कोई
आज किसी का दिल टूटा है
आज बहुत रोया है कोई
आज फ़िज़ा है भीगी भीगी
मौसम में भी नमी सी
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कवितागजल
वो मेरा है
वो मेरा है मगर मेरा नहीं है
उसके चेहरे पे अब वो चेहरा नहीं है
तुम मुझे ज़ख्म देके इतनी पशेमां क्यों हो
ये ज़ख्म इतना भी गहरा नहीं है
तुम अभी खुद को संभाले रखना
ये तूफ़ान अभी ठहरा
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