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Sahitya Arpan - Purnima Suman
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Purnima Suman

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    Section Genre Rank
    कविता चौपाई 4th

    कवितालयबद्ध कविता

    मैंने हिम्मत बहुत दिखाई है

    • Added 7 months ago
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    • 83
    • 3 Mins Read

    मैंने हिम्मत बहुत दिखाई है ,
    जो कुछ पाया मेहनत की कमाई है।
    कतरा-कतरा बिखरने की कोशिश,
    ज़माने में क‌ई अपनों ने लगाई है।
    गिर पड़ोगी -सोच कर न घबराई हूं,
    पांव से कमजोर रही, पर ताक़त हाथों की लाई हूं।
    करना
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    मैंने हिम्मत बहुत दिखाई है ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताचौपाई

    अंतस् में जब राम विराजे 🙏

    • Added 7 months ago
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    • 295
    • 3 Mins Read

    अंतस् में जब राम विराजे 🙏

    मन की पीड़ा थाह न खोजें,
    तन संयमित रोग न पोसें,
    अंदर-बाहर पावन से होके,
    राममय हो जब खुद को खोजें।
    अंतस् में जब राम विराजे 🙏

    मायने जीवन के समझकर,
    सत्यकर्म करें समय खर्च
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    अंतस् में जब राम विराजे 🙏,<span>चौपाई</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    खामोशी

    • Added 8 months ago
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    • 320
    • 3 Mins Read

    मेरे अल्फ़ाज़ कुछ खामोश से हो ग‌ए है,
    जाने क्यों अब शब्द ढूंढने लगे हैं,
    बेबाकी -सी नहीं अब बातों में,
    जुबां पर लब्जों की पहरेदारी -सी हो गई है।

    लहज़े ज़माने के साथ चलना सीख गये हैं,
    नाग़वार थी जो
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    खामोशी ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताछंद

    हौसलें बुलंद हैं

    • Added 8 months ago
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    • 83
    • 3 Mins Read

    हम वो राही नहीं, जो बाधाओं से डर जाए,
    वक्त के हर चाल का हल ढूंढ ही लाए।
    बने हैं हम उस मिट्टी से जितना भी धुन जाए,
    आंच पर पककर अपनी खनक दिखलाएं।
    मन के तरकस में प्रेम और विश्वास की बाती है,
    उम्मीद संग
    Read More

    हौसलें बुलंद हैं ,<span>छंद</span>
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    कविताछंद

    हौसलें बुलंद हैं

    • Added 8 months ago
    Read Now
    • 40
    • 3 Mins Read

    हम वो राही नहीं, जो बाधाओं से डर जाए,
    वक्त के हर चाल का हल ढूंढ ही लाए।
    बने हैं हम उस मिट्टी से जितना भी धुन जाए,
    आंच पर पककर अपनी खनक दिखलाएं।
    मन के तरकस में प्रेम और विश्वास की बाती है,
    उम्मीद संग
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    हौसलें बुलंद हैं ,<span>छंद</span>
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