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Section | Genre | Rank |
---|---|---|
कविता | भजन | |
कविता | चौपाई |
London is the capital city of England.
कविताभजन, लयबद्ध कविता, छंद, गीत
"राम अवतरण"
राजा दशरथ के पुत्र चार,सक्षम भुजदंड वपू।
श्रीराम चंद्र तेजस महान,अजर-अमर रहित रिपू।।
पुरुषशिरोमणि सनातन विष्णु,मनुष्य लोक अवतरे।
परम प्रचंड साक्षात भगवन,देव टेर से उतरे।
रावण वध
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कविताभजन, लयबद्ध कविता, छंद, चौपाई, गीत
"श्रीराधा-अमृत चौपाई भाग-3"
वृंदावन धाम नित वासिनी।
निकुंज बसहुं मृदुल भाषिणी।।
भजन करूं राधा हितकारी।
राधा नाम कृष्ण सुखकारी।।
अवमाने अर्भक लकिराई।
हुलसै मात रात जुनहाई।।
बिलोक बिसमरन सिंधु
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कविताभजन, लयबद्ध कविता, छंद, चौपाई, गीत
"श्रीराधा-अमृत चौपाई भाग -2"
धुल धूसरित कपोल कल्पना।
राधा टेर काम न पोषणा।।
कर वासना पर पद प्रहारा।
ले राधा नाम कर विहारा।।
जान औसर लियो वैरागा।
निकसी केतिक साचा रागा।।
शीश धर चारु चरण परागा।
सबै
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कविताभजन, छंद, चौपाई, गीत
"श्रीराधा-अमृत चौपाई भाग -1"
जापक हूआ कृपया पात्रा।
टूट जाएगी अभी माया।।
राधा नाम जपे हेमंता।
मिलही जो मानव की काया।।
मन मानव बुनकर माया का।
बुनता मोह पाश का धागा।
कष्ट रचता मार्ग तुझ तक का।
कष्ट
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कवितालयबद्ध कविता
"प्रेम गाथा"
कल्पतरु सी मृदु लता,सौन्दर्य की ऐसी छटा।
देखकर अंत भी जीवंत हुआ,देवताओं का देवत्व घटा।।
श्रृंगार में झलकती दीप्ति,सौन्दर्य सुरम्य भोर सी लालिमा।
मुख पर छाई चंद्रप्रभा,शशि पर डालदे
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कविताभजन
"रावण - अंगद संवाद"
प्रभु राम की आज्ञा पाकर अंगद लंका में उड़ते हुए जावें।
प्रभु राम की आज्ञा सुनाने अंगद लंकेश्वर को ढूंढते हुए आवें।।
रावण सभा में पहुंचे अंगद फिर जय जय राम की हुंकार लगावें।
सोच
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कविताभजन, लयबद्ध कविता, गीत
"ताड़का-वध प्रसंग"
भोर अनुष्ठान गुरु संग करदोउ भाई।
विश्वामित्र संग लक्ष्मण ले,चले रघुराई।
कामाश्रम से शुभ नौका पर चढ़े रिपु राई।
मध्य धारा में सरिता की ध्वनि जब आई।
गुरुवर ने सरयू नदी की
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कवितालयबद्ध कविता
चाहे कुल रूठे चाहे जग रूठे,पर हरि नाम न छुट्टे।
सपना है सारा जगत हरि,तेरे भजन नाम से टूटे।
तूं ही मेरा चिंतन, तू ही मेरा कीर्तन।
बस मेरी श्वास के साथ हरि ये कर्म टूटे।।
तूं ही सबका तत्व हरि,भजे तेरे
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