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Section | Genre | Rank |
---|---|---|
कविता | घनाक्षरी |
London is the capital city of England.
कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा
चलो आज एक कहानी सुनाती हूँ ।
शीर्षक - खाली स्थान ।
एक बार एक पौधा था । वह धीरे - धीरे मेहनत करके , जमीन से पोषण लेकर बढ़ रहा था । इसी दौरान उसके नये और छोटे - छोटे टहनियां और पत्ते उगने लगे । उन्हें
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कविताघनाक्षरी
शीर्षक - मन की आवाज
इतनी मजबूर क्यो हूँ मै ?
खुद से इतनी , दूर क्यो ह हूँ मै ?
इतनी चूर क्यो हूँ मै ?
क्या सवेरा हूँ मै ?
या बसेरा हूँ मै ।
ये आवाज सनसनी तो नही ,
ये मुस्कान मेरी अपनी तो नही ,
महसूस हो तो
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कविताअन्य
शीर्षक:- लेखक की कलम
जहाँ रोशनी ना पहुंचे नीरज की,
पहुंच जाती है कलम लेखक की ।
शब्दो के आसमान पर , लफ्जो को बयां कर देती है ,
मुर्द मे जान फूक दे , नया कर देती है ।
ख्वाबो के सहारे , वास्तिकता बता देती
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कविताअतुकांत कविता, घनाक्षरी
क्या कर रही हूँ मैं?
रोज के अंधेरे में खोती खा रही हूँ मैं;
पहचान नही पा रही ,क्या वही हूँ मैं?
रुख मेरा किस ओर है? न जाने मंजिल कितनी दूर है ?
चली जा रही हूँ मैं देखे बिना कही ओर;
चुभ रहा है मुझे ये शोर;
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