लेखक उत्तर प्रदेश के मनकापुर, गोण्डा के गाँव मरौचा से हैं गत 10-12 वर्षों में देश के लगभग सभी राज्यों के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों का भ्रमण कर चुके हैं। इनकी एक प्रेरक पुस्तक कर्मण्य विजयदशमी 2022 को हमरूह पब्लिकेशन दिल्ली से प्रकाशित हुई जो युवाओं और किसानों को बहुत पसंद आई।
देश के कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में इनका लेख प्रकाशित होता रहता है।
लेखक ह्यूमन बिहैवियर, औधोगिक सम्बन्द्ध, विज्ञान और कृषि क्षेत्र के जानकार हैं जो इनके आलेखों और रचनाओं में साफ दिखाई देता है।
इनकी रचनाएँ मार्मिक और प्रेरक होती हैं।
लेखक MBA की डिग्री हासिल की है और कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं।
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London is the capital city of England.
कविताअन्य
*पुस्तक समीक्षा (Book Review)*
पुस्तक- “कर्मण्य” सफलता व समृद्धि के प्रेरक मंत्र
शिक्षा, संस्कार, आदत और कर्म, धर्म सफलता और सफलता के मायने बताती काव्य और गद्य का सुंदर संकलन कर्मण्य के लेेखक श्याम नन्दन
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कविताअतुकांत कविता
स्थायित्व (Stability)
ब्रह्मांड का हर कण दूसरे कण को
आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित
करता रहता है सतत..
ताप, दाब और सम्दवेनाओं से प्रभावित
टूटता-जुड़ता हुआ
नये रूप अथवा आकर के लिए लालायित..
अस्तिथिर होकर
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कविताअतुकांत कविता
मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
बादल घिरते हैं बजली कड़कती
बिन मौसम बारिश होती है,
तब खेत मे कटे पड़े गेंहूं देखकर किसान पर
क्या बीतती है।
पानी फिरते देखता है,
अपने महीनो की मेहनत पर
जब सूखने
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