Piyush Goel by profession Mech Engg but by passion Mirror Image Writer and writer of 17 books in Mirror Image with hand and with different objects Like Pen, Carbon Paper etc and Writer of World First Hand Write Needle Book Madhushala.
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London is the capital city of England.
कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा
एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई और बोली मैं तुझे बहुत दिनों से देख रही हूँ तो बहुत मेहनती,हमेशा कुछ न कुछ करता रहता हैं.सफल होने के लिये, मैं समझ गई तू मुझे बहुत प्यार करता हैं,मैं बोला,हाँ,तुझे पाने
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लेखअन्य
साक्षात्कार डॉ पीयूष गोयल
यह साक्षात्कार बिंदेश कुमार झा द्वारा लिया गया है। जो मूल रूप से एक लेखक हैं। यह वर्ष 2023 में जुलाई माह में मौखिक रूप से लिया गया है। जिसे लिखित रूप में प्रस्तुत किया गया
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लेखआलेख
मैं इंटर करने के बाद आगे पढ़ाई के लिए सोच रहा था, मेरा मन इंजीनियरिंग करने का था, १२ वीं में विषय भी मेरे पास इंजीनियरिंग वाले ही थे. जबकि मेरे पिता जी डाक्टर थे, मैं हमेशा कई विकल्प लेकर चलता था. यांत्रिक
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कहानीलघुकथा
बात सन् १९७५ की हैं मेरे पिता जी सरकारी नौकरी में सहारनपुर के एक गाँव सबदलपुर में स्वास्थ विभाग में कार्यरत थे. पिता जी का स्थानांतरण थाना भवन( जलालाबाद) से हुआ था.मेरे पिता जी को सिगरेट पीने की
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लेखअन्य
मेरे पिता जी का ट्रांसफ़र सबदलपुर( सहारनपुर) से चौमुहां ( मथुरा ) सन् १९७७-७८ में हो गया, मैं उस समय छटवीं कक्षा का विद्यार्थी था. गाँव चौमुहां मतलब चार मुख वाला यानी वहाँ पर भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर
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कहानीप्रेरणादायक
एक सेठ जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में बड़ा ही संघर्ष किया.सेठ को तीन बेटे थे. व्यापारी ने तीनों को पढ़ाया लिखाया. सेठ को अपने बड़े बेटे से बहुत लगाव था और माँ को छोटे बेटे से, और बड़े भाई को अपने बीच वाले
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कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा
मैं अपने तीनों भाइयों में सबसे बड़ा और एक मध्यम वर्गीय परिवार में पला बड़ा हुआ, पिता जी द्वितीय श्रेणी के सरकारी कर्मचारी,मेरे पापा की पोस्टिंग मथुरा के एक गाँव में थी. चुकि हम तीन भाई थे ……बहन न
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लेखअन्य
एक छोटी सी सूझबूझ …..३०-३५ साल के एक व्यापारी जिनके अपने कई काम थे, व्यापार में शहर में उनका नाम था. रोज़ाना नंगे पैर मंदिर जाना,मंदिर से वापिस लोटते हुए, मंदिर के बाहर बैठे माँगने वालों को रोज़ाना
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लेखअन्य
११ मोतियों की माला——एक जंगल में एक सिद्धि प्राप्त ऋषि रहते थे.आस -पास के लोग उनसे मिलने जाया करते थे.ऋषि की कुटिया के पास एक कुआँ था.कुँए की एक ख़ासियत थी जो भी कोई पानी पीने जाता बाल्टी के साथ एक
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लेखअन्य
एक क़स्बे में एक धनी सेठ रहते थे.सेठ बड़े ही पूजा पाठ वाले व दान देने में सबसे आगे रहते थे.स्कूल धर्मशाला आदि कई उन्होंने अपने पूर्वजों के नाम पर बनवाये हुए थे.सेठ जिनको बड़ी मिन्नतों के तीन लड़कियों
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा
एक ३४-३५ साल के एक सज्जन बड़े ही सीधे साधे,लेकिन अपने सिद्धांत के पक्के थे, नौकरी की तलाश में शहर के बीच से गुज़रे जा रहे थे. रास्ते में एक मंदिर पड़ा, मत्था टेक कर जैसे ही आगे बढ़े, एक हीरे की अंगूठी
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा
बात कुछ साल पुरानी हैं रमेश के पिताजी का ट्रांसफ़र सहारनपुर से मथुरा के एक गाँव चौमुहां में हो गया था. रमेश उस समय कक्षा ६ का विधार्थी था जब रमेश ८ वी कक्षा में आ गया तो रमेश के पिता ने रमेश का ट्यूशन
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कहानीप्रेरणादायक
मरा मरा से राम राम … मोह मोह से ॐ ॐ….एक सेठ जी बड़े ही दयालु पूजा पाठ वाले इंसान थे. दूसरों की सेवा करना उनका जैसे अपना काम था सेठ जी का व्यापार भी बहुत बढ़िया था एक दिन जैसे ही सुबह सेठ जी पूजा के लिए
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कहानीप्रेरणादायक
एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे जिनका अपनी पंसारी की दुकान थी. सेठ जी की उम्र क़रीब ३५ साल की थी.एक दिन दोपहरी में एक गरीब महिला अपने १० साल के बेटे के साथ सेठ जी की दुकान पर सेठ जी से कहने लगी मेरे
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सुविचारप्रेरक विचार
पीयूष गोयल ने बहुत ही अच्छे तरीके से लोगोको बताया है की अपने काम के प्रति सेल्फ मोटीवेट कैसे रहे।
20 थॉट्स –
1.जिंदगी को अगर किसी का सहारा लेकर जिओगे एक दिन हारा हुआ महसूस करोगे.
2.किसी काम की करने
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लेखअन्य
पीयूष जी आप अपने बारे में बतायें। : जी मेरा नाम पीयूष कुमार गोयल हैं, मैं माता रवि कांता गोयल व पिता डॉ देवेंद्र कुमार गोयल के यहाँ 10 फरवरी 1967 को दादरी में पैदा हुआ था। मैं एक यांत्रिक इंजीनियर हूँ,
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लेखअन्य
पीयूष गोयल ने दर्पण छवि में हाथ से लिखी १७ पुस्तकें… पीयूष गोयल दर्पण छवि के लेखक,पीयूष गोयल 1७ पुस्तकें दर्पण छवि में लिख चुके हैं,सबसे पहली पुस्तक( ग्रन्थ) "श्री भगवद्गीता"के सभी 18 अध्याय 700 श्लोक
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