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Sahitya Arpan - Prabha Issar
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Prabha Issar

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  • Reader Points 480

  • Genre wise ranking

    Section Genre Rank
    कविता बाल कविता First
    कविता सोरठा Second
    सुविचार अनमोल विचार 4th
    कविता नज़्म 5th
    सुविचार प्रेरक विचार 5th

    कविताबाल कविता

    बचपन की बातें

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 175
    • 3 Mins Read

    विषय- बचपन की बातें
    शीर्षक- झूले संग मुलाकातें
    विधा-कविता
    बचपन की बातें
    बचपन की रातें
    याद आती हैं झूले संग हुईं मुलाकातें
    मां तेरी गोद का स्पर्श
    झूले में डालते ही तेरे हाथों की थपथपाहट
    कानों में
    Read More

    बचपन की बातें,<span>बाल कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मेरे ये पंख

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 171
    • 3 Mins Read

    विषय- मेरे ये पंख
    इठलाते से बलखाते से
    मेरे ये पंख क्यों सब को
    चुभने से लगें हैं मेरे ये पंख
    अभी, अभी, होश में तो आईं थीं मैं
    दीवारों से टकरा कर संभल पाईं थीं मैं
    अपनी ख़ामोशी को बड़ी मुश्किल से तोड़
    Read More

    मेरे ये पंख,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताबाल कविता

    चांद का खिलौना

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 108
    • 3 Mins Read

    चांद का खिलौना
    आ बेटा तुझे आज़ मैं बाहों में झूला लूं
    चांद का आज़ तुझे खिलौना दिला दूं मैं
    आसमां में ये यों गोल मटोल चांद तुझे रिझाता हैं
    मन ही मन में उसे पाने की ख्वाहिश सी जगाता है
    पालने में सुला
    Read More

    चांद का खिलौना,<span>बाल कविता</span>
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    कविताअन्य

    चाय

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 120
    • 2 Mins Read

    विषय - चाय ☕☕☕☕
    दो पल संग बैठने को मजबूर करती ये चाय यारों
    बातचीत का थोड़ा सा सिलसिला अपने संग चलातीं ये चाय यारों
    चाय का नशा भी कितना मदहोश सा कर जाता हैं यारों
    होंठों से लगाते ही प्याला नस, नस में
    Read More

    चाय ,<span>अन्य</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    भ्रम स्त्री का

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 238
    • 4 Mins Read

    शीर्षक- भ्रम स्त्री का
    विधा-कविता
    कल तक था जिस स्त्री को
    ख़ुद पर भ्रम
    समाज में कुछ ना कर पाएंगी स्त्री
    आज़ उस भ्रम को बेड़ियों में जकडे बैठी स्त्री
    लाज की ओढ़नी में ख़ुद को संभाले स्त्री
    मर्दों के
    Read More

    भ्रम स्त्री का,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितानज़्म

    हमसफ़र

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 184
    • 3 Mins Read

    हमसफ़र
    सफ़र जीवन का आसान ना होता हैं
    अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
    बारिश की बूंदों की तरह हर लम्हा
    याद ना होता
    अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
    दिल में प्यार की गहराई भी इतनी गहरी ना होती
    अगर हमसफ़र तेरा
    Read More

    हमसफ़र,<span>नज़्म</span>
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    कविताबाल कविता

    पापा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 117
    • 3 Mins Read

    पापा
    ख़ुद से ज़्यादा बच्चों की
    ज़रुरतों का फ़िक्र करते हैं
    सच में पापा कितने अच्छे होते हैं
    दिन रात एक करके सब की ज़रुरतों को
    पूरा करते हैं
    सच में पापा कितने अच्छे होते हैं
    ख़ुद पैरों में टूटी चप्पल
    Read More

    पापा,<span>बाल कविता</span>
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    कवितादोहा

    दोस्त

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 146
    • 1 Mins Read

    दोस्त
    एक अच्छा दोस्त पूरे का पूरा पुस्तकालय होता हैं
    एक पुस्तकालय किताबों का खज़ाना होता हैं
    प्रभा ईससर

    दोस्त,<span>दोहा</span>
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    कविताबाल कविता

    रंग

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 174
    • 4 Mins Read

    रंग
    मैंने भी सोचा था
    मैंने भी चाहा था
    बचपन के रंगों को
    जवानी के रंगों में रचना चाहा था
    माता-पिता की बेबसी को जवानी में दूर करना चाहा था
    पल पल ख्वाबों को तिल तिल कर मरते हुए देखा था
    बेरंग से बचपन को
    Read More

    रंग,<span>बाल कविता</span>
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    Savita Agnihotri

    Savita Agnihotri 2 years ago

    Very nice

    कविताअतुकांत कविता

    जीवन

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 113
    • 4 Mins Read

    जीवन
    क्या हैं ये जीवन
    जीवन से लेकर मृत्यु तक का फेर हैं ये जीवन
    कितने यत्नों प्रयत्नों से से मिला ये जीवन
    क्यों इस तरह पल पल क्षण क्षण गंवाना ये जीवन
    कुछ तो करके जाना है इस जीवन में
    जीवन ओर मरन के
    Read More

    जीवन,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअन्य

    तस्वीरें

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 102
    • 3 Mins Read

    तस्वीरें
    यादों को समेटती ये तस्वीरें
    खूबसूरत पलों को समेटती ये तस्वीरें
    जब खोलती हूं इन तस्वीरों को
    अनगिनत पल आंखों में समां जाते हैं
    इन तस्वीरों के जरिए यादों के पिटारों को
    जगा जाते हैं
    बचपन
    Read More

    तस्वीरें,<span>अन्य</span>
    user-image

    कविताअन्य

    मिट्टी की तरह

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 152
    • 3 Mins Read

    मिट्टी की तरह
    मिट्टी की तरह
    तन मिट्टी में मिल जायेगा
    क्या तेरा क्या मेरा
    सब मिट्टी हो जायेगा
    इक सफ़र तैय करने आए हैं
    सफ़र तैय कर के चले जाना हैं
    मिट्टी की तरह
    तन मिट्टी में मिल जायेगा
    पल भर ना भरोसा
    Read More

    मिट्टी की तरह,<span>अन्य</span>
    user-image
    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    So true 👌🏻

    कवितागजल

    ऐ चांद ठहर जा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 142
    • 3 Mins Read

    ऐ चांद ठहर जा
    ऐ चांद ठहर जा
    तुझे आंखों में तो भर लूं
    तेरी जगमगाहट को
    महसूस तो कर लूं
    दिन भर की थकान को
    ज़रा सा दूर तो कर लूं
    ऐ चांद ठहर जा
    तेरे रुबरु ख़ुद को
    ज़रा सा महसूस तो कर लूं
    रात के गलियारे से
    Read More

    ऐ चांद ठहर जा,<span>गजल</span>
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    कविताअन्य

    कंगन

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 503
    • 4 Mins Read

    कंगन
    मेरा ये कंगन
    तेरे दिल की धड़कन
    तेरी मेरी नजदीकियों का प्रतीक ये कंगन
    रिश्तों की मिठास में खनखनाहठ सी भरता ये कंगन
    मेरा ये कंगन
    तेरे दिल की धड़कन
    तुझे मेरे संग मुझे तेरे संग जोड़ता मेरा ये कंगन
    तेरे
    Read More

    कंगन,<span>अन्य</span>
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    कवितानज़्म

    हैं कोई बात

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 113
    • 3 Mins Read

    हैं कोई बात
    तेरे मेरे दरमियान
    जो दोनों को आपस में जोड़ती हैं
    तुझे मेरी ओर मुझे तेरी ओर खींचती हैं
    गुजारें थे जो पल तेरे साथ उन पलों को फिर से
    गुज़ारिश सी हो रही हैं
    हैं कोई बात
    तेरे मेरे दरमियान
    जो
    Read More

    हैं कोई बात,<span>नज़्म</span>
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    कवितानज़्म

    नज़दीक होकर भी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 147
    • 4 Mins Read

    नज़दीक होकर भी
    अब तो घुटन सी होने लगी है
    अब तो साथ होकर भी हर पल दम सा घुटने लगा है
    इतनी दूरियों के पीछे अब तो
    तेरे मेरे दरमियान बचा क्या है
    नज़दीक होकर भी
    जिन खुशियों को तेरे संग तराशने निकलें थे
    Read More

    नज़दीक होकर भी,<span>नज़्म</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    सर्दी की बर्फ और तुम

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 75
    • 1 Mins Read

    सर्दी की बर्फ और तुम
    तुम और मैं
    बस तुम और मैं
    दुनिया से कहीं दूर होते
    बर्फ की चादर को ओढ़ लेते
    सर्दी की बर्फ और तुम
    __prabha Issar

    सर्दी की बर्फ और तुम,<span>अनमोल विचार</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 2 years ago

    आदरणीया यह रचना समूह में भी अवश्य भेजे। 🙏🏻

    कहानीलघुकथा

    पिता और बेटा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 168
    • 4 Mins Read

    पिता और बेटा
    जिस पिता ने बेटे को उंगली पकड़ कर चलना सिखाया
    पीठ पर बिठा कर जन्नत सा एहसास करवाया
    गिरने से जिस पिता ने बेटे को हमेशा बचाया
    आज उन बूढ़ी आंखों का सहारा बनने से बेटा क्यों कतराया
    क्यों
    Read More

    पिता और बेटा ,<span>लघुकथा</span>
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    Savita Agnihotri

    Savita Agnihotri 2 years ago

    This is so true

    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    So heart touching poem ❤️

    कविताबाल कविता

    मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 169
    • 3 Mins Read

    मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां
    जैसे मिट्टी का पानी से
    जैसे समंदर का गहराई से
    जैसे दुःख का सुख से
    मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता
    जैसे फूलों का कलियों से
    जैसे सांसों का धड़कनों से
    जैसे रोती हुई आंखों से
    हंसी
    Read More

    मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां,<span>बाल कविता</span>
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    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    Very nice heart touching lines

    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    Mother is first and forever best friend of a daughter ❤️🥰

    कहानीसामाजिक

    भाग 3 छुआ छूत

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 99
    • 3 Mins Read

    छुआ छूत भाग __३
    महक के गले से एक भी निवाला नहीं उतर रहा था।उस दिन उसे अपने मायके की बड़ी याद आईं। अन्दर से उसका दिल रो रहा था। भगवान को बार-बार गुहार लगा रही थी। जो औरत ख़ुद जननी है इस संसार की । महीना
    Read More

    भाग 3 छुआ छूत ,<span>सामाजिक</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    मायका मेरा मायका हां हां मेरा मायका

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 132
    • 5 Mins Read

    मायका
    मायका मेरा मायका हां हां मेरा मायका
    जिस मायके में मेरी किलकारियां कभी गूंजी थी।
    जिस मायके में मेरे लिए कभी लोरिया गायी थी।
    मायका मेरा मायका हां हां मेरा मायका।
    गूंजती हुई किलकारियां गूंजती
    Read More

    मायका मेरा मायका हां हां मेरा मायका,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    Heart touching lines ❤️

    कहानीसामाजिक

    छुआ छूत भाग _2

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 130
    • 4 Mins Read

    छुआ छूत भाग _२
    महक के सुसराल का घर बहुत छोटा था । तो उसकी सांस ने मंदिर अपनी रसोई में ही बनाया हुआ था। तभी
    उन्हीं दिनों माता रानी के नवरात्रे आरम्भ हो गये। अभी
    महक के पहले नवरात्रे थे अपने सुसराल
    Read More

    छुआ छूत भाग _2,<span>सामाजिक</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    लक्ष्य कैसा भी हो

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 95
    • 1 Mins Read

    लक्ष्य कैसा भी हो
    पार तो उसको करना है
    धूप में तप कर ही सही सोना तो बनना है
    मुश्किलें कितनी भी हो पार तो उनको करना है
    आग में ख़ुद को झोंक कर ही आसमान तो पाना है
    लक्ष्य कैसा भी हो
    पार तो उसको करना है

    लक्ष्य कैसा भी हो,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    मां का चेहरा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 112
    • 3 Mins Read

    मां का चेहरा
    रोम रोम में बसा मां का चेहरा
    मां जीवन का अनमोल खजाना
    बिन बोले दुखों को पहचान लेती हैं
    उलझी हुई सब परेशानियां सुलझा देती हैं
    रातों को उठ उठ कर मेरी तकलीफ़ में मां तेरा जागना
    मेरी एक आवाज़
    Read More

    मां का चेहरा ,<span>प्रेरक विचार</span>
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    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    So beautiful lines 👌🏻😊

    सुविचारप्रेरक विचार

    कुछ लोग चाय की तरह होते हैं

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 43
    • 1 Mins Read

    कुछ लोग चाय की तरह होते हैं
    जो दिलों में दीए की रोशनी की तरह जल
    उठते हैं
    __prabha Issar

    कुछ लोग चाय की तरह होते हैं,<span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    एक दोस्त

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 137
    • 2 Mins Read

    एक दोस्त
    पीपल के पेड़ की तरह मजबूत सहारा
    चीनी की तरह घुलता हुआ मीठा सा सहारा
    खट्टी मीठी यादों का पिटारा
    जरुरत पड़ने पर मजबूत सा किनारा
    एक दोस्त
    जीवन भर संग चलने वाला सितारा
    एक दोस्त
    __prabha
    Read More

    एक दोस्त ,<span>प्रेरक विचार</span>
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    कवितागजल

    मैंने तो नहीं कहा था

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 102
    • 1 Mins Read

    मैंने तो नहीं कहा था
    यूं होंठों पर चुप्पी लगाने को
    यूं दिल के दरवाज़े बंद करने को
    यूं नाराज़गी से मुंह फेरने को
    मैंने तो नहीं कहा था
    यूं दूरियां बढ़ाने को

    मैंने तो नहीं कहा था,<span>गजल</span>
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    कवितागजल

    थोड़ी दूर तो साथ चलों

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 83
    • 1 Mins Read

    थोड़ी दूर तो साथ चलों
    हाथों में डाल हाथ चलों
    मंजिलों को तो साथ मिलकर पार करों
    उखड़े उखड़े मिज़ाज को तो छोड़ो
    बातों को तो कहना सीखों
    अपनी नाराज़गी को तो दूर करों
    थोड़ी दूर तो साथ चलों
    __prabha Issar

    थोड़ी दूर तो साथ चलों ,<span>गजल</span>
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    कवितानज़्म

    उससे मिलने की खुशी मत पूछो

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 136
    • 2 Mins Read

    उससे मिलने की खुशी मत पूछो
    यादों के पिटारों का जैसे खुल जाना
    चांद सितारों का धरती पर रोशनी बिखेरना
    ओस की बूंदों का जैसे पत्तों पर ठहरना
    आईने का जैसे मुझ से ही शरमा जाना
    दिल के अरमानों का मचल मचल
    Read More

    उससे मिलने की खुशी मत पूछो,<span>नज़्म</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    आज तो इतवार हैं

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 77
    • 1 Mins Read

    आज तो इतवार हैं
    फुर्सत तो बेशुमार हैं
    उमंग से भरा ये दिन
    छुट्टी का आनंद उठाते
    बच्चें और बड़े
    अधूरे काम पूरे करते अपने अपने
    आज तो इतवार हैं
    फुर्सत तो बेशुमार हैं
    __prabha Issar

    आज तो इतवार हैं,<span>अनमोल विचार</span>
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    कवितासोरठा

    प्रिय क़लम

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 111
    • 1 Mins Read

    प्रिय क़लम
    तेरे बिन तो मैं अधूरी हुं
    तुझे पाकर तो मैं सम्पूर्ण हुं
    तेरे बिन ना बाजूद मेरा कोई
    तू पहचान है मेरी
    प्रिय क़लम
    तेरे बिन तो मैं अधूरी हुं
    __prabha Issar

    प्रिय क़लम,<span>सोरठा</span>
    user-image

    कविताबाल कविता

    एक दौर था जब मां जिंदा थी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 132
    • 2 Mins Read

    एक दौर था
    एक दौर था मां हर ग़म मेरा लें लेती थी
    बुरी नजरों से छुपा लेती थी वो दौर भी
    क्या खूब था हर कोई अपना सा लगता था
    मां का साथ छुटा हर एक रिश्ता टूटा एक दौर था
    मां आंसुओ को भी नहीं आने देती थी मां
    Read More

    एक दौर था जब मां जिंदा थी,<span>बाल कविता</span>
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    कविताअन्य

    ज़िन्दगी दौड़ हैं

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 166
    • 2 Mins Read

    ज़िन्दगी दौड़ हैं
    ज़िन्दगी दौड़ हैं
    सपनों को पूरा करने की होड़ हैं
    थक कर रुक जाना
    फिर उठ कर दौड़ना
    ज़िन्दगी दौड़ हैं
    सफलता पाकर भी ना रुकना
    ज़िन्दगी दौड़ हैं
    सपनों को पूरा करने की होड़ हैं
    ज़िन्दगी
    Read More

    ज़िन्दगी दौड़ हैं,<span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    पुराने दोस्त याद आएं

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 74
    • 2 Mins Read

    पुराने दोस्त याद आएं
    बचपन की यादों का आस-पास बिखर जाना
    मैं तुमसे आगे तुम मुझ से आगे साइकिल की
    रेस में जैसे अड जाना
    दोस्ती यारी में हर तरह की कसम खाना
    पुराने दोस्त आज फिर से याद आएं
    पुराने दोस्त
    Read More

    पुराने दोस्त याद आएं ,<span>अन्य</span>
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    कवितानज़्म

    तमाम दिनों की तरह

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 109
    • 2 Mins Read

    तमाम दिनों की तरह
    फिर से वो पल याद आ गये
    गुजारें थे जो पल तेरे साथ
    आज फिर से याद आ गये
    फिर से हसरतों ने दिल के दरवाज़े
    पर दस्तक दी है
    तमाम दिनों की तरह
    फिर से वो पल याद आ
    Read More

    तमाम दिनों की तरह ,<span>नज़्म</span>
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    कहानीसामाजिक

    छुआ छूत

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 81
    • 4 Mins Read

    छूआ छूत
    छूआ छूत बहम ये सब हम इन्सानों में कहा से आया भगवान महक अपने माता-पिता की दुलारी भाई बहन
    की जान अपने घर में सबसे छोटी छूआ छूत बहम इन
    सब से अनजान अपने मायके में बेफिक्र सी उड़ने वाली
    सब की दुलारी
    Read More

    छुआ छूत ,<span>सामाजिक</span>
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    कवितादोहा

    चाय

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 135
    • 1 Mins Read

    चाय
    कुछ लोग चाय की तरह होते हैं
    हवा के झोंके की तरह आते हैं
    और आकर चले जाते हैं
    __prabha Issar

    चाय ,<span>दोहा</span>
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    कवितागीत

    तुम हमसे मिलें ऐसे

    • Edited 2 years ago
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    • 95
    • 2 Mins Read

    तुम हमसे मिलें ऐसे
    जैसे भंवरे कलियों से मिलते हैं
    जैसे मुरझाईं हुईं कलियां रोज़ खिलती है
    जैसे धागों में मोतियों की माला पिरोते हैं
    जैसे पर्वतों पर बर्फ पिघलती है
    जैसे समंदर से लहरें टकरातीं
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    तुम हमसे मिलें ऐसे,<span>गीत</span>
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    कविताबाल कविता

    बचपन की बातें

    • Edited 2 years ago
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    • 285
    • 2 Mins Read

    बचपन की बातें
    बड़ी याद आती है
    किस्से वो कहानियां
    बेफिक्र सा वो बचपन
    पीपल के वृक्षों के नीचे लुकाछिपी का वो खेल
    वो मिट्टी का खेल ,वो बारिश का खेल
    खेल खेल में एक दूसरे से झगड़ना
    झट से एक दूसरे को
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    बचपन की बातें ,<span>बाल कविता</span>
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    Muskan Sharma

    Muskan Sharma 2 years ago

    So beautiful lines

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत की स्मृतियाँ हमारी अमूल्य पूंजी होती हैं..

    कहानीव्यंग्य

    किवाड़

    • Edited 2 years ago
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    • 71
    • 2 Mins Read

    किवाड़
    आतें जाते जमाने के साथ बदलते किवाड़
    जो खुलते ही दुखों को साझा सा कर देते थे
    अपनेपन का जो मीठा सा एहसास देते थे
    बड़े बुजुर्गो का सिर पर हाथ होता था
    आज कल तो ना वो किवाड़ रहें हैं
    ना खटखटाते
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    किवाड़ ,<span>व्यंग्य</span>
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    कविताबाल कविता

    दोस्त

    • Edited 2 years ago
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    • 103
    • 1 Mins Read

    दोस्त
    एक अच्छा दोस्त पूरे का पूरा पुस्तकालय होता है
    पुस्तकालय किताबों का खज़ाना होता है
    __prabha Issar

    दोस्त ,<span>बाल कविता</span>
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    कविताअन्य

    कहीं खो जाना है

    • Edited 2 years ago
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    • 89
    • 1 Mins Read

    कहीं खो जाना है
    अब तो तेरा हो जाना है
    तेरी सांसों में डुब जाना है
    तुझे बस अपना बनाना है
    कहीं खो जाना है
    __prabha Issar

    कहीं खो जाना है ,<span>अन्य</span>
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    कविताबाल कविता

    बचपन

    • Edited 2 years ago
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    • 96
    • 3 Mins Read

    बचपन
    वो अठखेलियों से भरा हुआ बचपन
    वो बचपन की रेल वो बचपन के झूले
    वो बरसात के पानी में तेरा मेरा छप छप
    कर के कूदना
    वो पानी का बार बार कपड़ों पर छलकना
    वो बचपन में तेरा मेरा लुकाछिपी
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    बचपन ,<span>बाल कविता</span>
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    कवितागीत

    खुशनुमा शाम हैं

    • Edited 2 years ago
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    • 106
    • 1 Mins Read

    खुशनुमा शाम हैं
    तू मेरे साथ है
    हाथों में हाथ है
    तारा रम पम पम
    __prabha Issar

    खुशनुमा शाम हैं ,<span>गीत</span>
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    कवितानज़्म

    दिल पर ज़रा हाथ रख दो

    • Edited 2 years ago
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    • 152
    • 1 Mins Read

    दिल पर ज़रा हाथ रख दो
    नज़रों से ज़रा बात कर लो
    ख्वाहिशों को ज़रा पूरा कर दो
    रास्तों पर चलना ज़रा आसान कर दो
    दिल पर ज़रा हाथ रख दो
    ____prabha Issar

    दिल पर ज़रा हाथ रख दो ,<span>नज़्म</span>
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    कवितानज़्म

    तुम और मैं जैसे

    • Edited 2 years ago
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    • 156
    • 1 Mins Read

    तुम और मैं जैसे
    बारिश की बूंदों की ओस की तरह
    जलते हुए दीए की लोह की तरह
    तुम और मैं जैसे
    बुनते हुए सपनों की डोर की तरह
    तुम और मैं जैसे
    दीया और बाती की तरह
    ____prabha Issar

    तुम और मैं जैसे ,<span>नज़्म</span>
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    कविताअन्य

    शब्द अर्थ

    • Edited 2 years ago
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    • 129
    • 1 Mins Read

    शब्द और अर्थ
    शब्द दिल में उठते हुए उबाल को
    लिखने में सहायक होते हैं
    अर्थ ख़ुद व ख़ुद अपना रास्ता
    तलाश लेते हैं
    __prabha Issar

    शब्द अर्थ ,<span>अन्य</span>
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    कविताबाल कविता

    मंजिलें मिल जाएगी

    • Edited 2 years ago
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    • 124
    • 2 Mins Read

    मंजिलें मिल जाएगी
    उठो मेरे प्यारे प्यारे बच्चों
    मंजिलें ये रास्ते में सूर्य की पहली किरण
    खिल खिलाते ये फूल रंग बिरंगी तितलियां
    सब है तुम्हारे लिए
    उठो मेरे प्यारे प्यारे बच्चों

    Read More

    मंजिलें मिल जाएगी ,<span>बाल कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    जरुरी तो नहीं

    • Edited 2 years ago
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    • 141
    • 2 Mins Read

    जरुरी तो नहीं
    जरुरी तो नहीं मैं अपना हर लम्हा
    हाथ से जाने दूं
    ग़म तनहाई अंधेरे ख़ामोशी
    जरुरी तो नहीं
    उलझनें सब से सुलझाता फिरू
    जुबां पर आये हुएं लफ्ज़ जुबां में ही
    रुक जाते
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    जरुरी तो नहीं ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितानज़्म

    तुम्हारे प्यार की बारिश

    • Edited 2 years ago
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    • 159
    • 2 Mins Read

    तुम्हारे प्यार की बारिश
    में दिल की बगिया खिली सी रहती हैं
    तेरे साथ से मैं जी उठती हु
    तुझे सांसों में मैं भर लेती हुं
    तेरे प्यार की बारिश में मेरा
    तन-मन भींगा सा रहता है
    तुम्हारे प्यार की बारिश में
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    तुम्हारे प्यार की बारिश ,<span>नज़्म</span>
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    गजल

    तुम्हारा ख्याल जैसे

    • Edited 2 years ago
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    • 71
    • 2 Mins Read

    तुम्हारा ख्याल जैसे
    आतीं हुईं हवाओं का आकर मुझे छू जाना
    बारिश की बूंदों का आकर छू जाना
    तुम्हारा ख्याल जैसे
    तेरा मेरे ख्वाबों में आकर मुझे इस क़दर
    बेकरार सा कर जाना

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    तुम्हारा ख्याल जैसे,<span>गजल</span>
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    कविताछंद

    शब्द जानते हैं

    • Edited 2 years ago
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    • 112
    • 2 Mins Read

    शब्द जानते हैं
    क्षण भर में अपने मायने समझा जातें हैं
    अगर बरसते हैं तो दिल को छनी कर देते हैं
    अगर सम्मान देते हैं तो आसमान में बिठा
    देते हैं
    शब्द जानते हैं
    चाहें
    Read More

    शब्द जानते हैं ,<span>छंद</span>
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    कवितागजल

    चलों लम्हें चुराते हैं

    • Edited 2 years ago
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    • 87
    • 2 Mins Read

    चलों लम्हें चुराते हैं
    दूर कहीं चले जाते हैं
    मोहब्बत के फूल उगाते हैं
    दूनिया की नजरों से छुप जाते हैं
    हर एक लम्हा जी लेते हैं
    लम्हों से लम्हें चुराते हैं
    चलों
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    चलों लम्हें चुराते हैं,<span>गजल</span>
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    कवितागजल

    एक हद तक

    • Edited 2 years ago
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    • 154
    • 1 Mins Read

    एक हद तक
    तू मुझ में और
    मैं तुझ में मुकम्मल हो जाएंगे
    इश्क़ में देखना सनम
    तुझे रब से ज़्यादा चाहेंगे
    __prabha Issar

    एक हद तक ,<span>गजल</span>
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    कवितानज़्म

    आईना

    • Edited 2 years ago
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    • 87
    • 2 Mins Read

    आईना
    हम से हमारी पहचान पूछता है
    नकाब पहना है जो चेहरे पर
    उसे उतारने को कहता है
    आज कल आइना भी
    हक़ीक़त में आने को बोलता है
    अलग सी शिकायतों से घेरता है
    आज कल आईना भी

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    आईना ,<span>नज़्म</span>
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    कविताबाल कविता

    मेरी प्यारी मां

    • Edited 2 years ago
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    • 227
    • 2 Mins Read

    मेरी प्यारी मां
    मां हर ग़म मेरा लें लेती थी
    बुरी नजरों से छुपा लेती थी
    हर कोई अपना सा लगता था
    मां का साथ छुटा
    हर एक रिश्ता टूटा
    मां आंसुओ को कभी ना आने देती थी
    मां बनकर
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    मेरी प्यारी मां ,<span>बाल कविता</span>
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    कवितादोहा

    सच्चाई आज तो

    • Edited 2 years ago
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    • 138
    • 1 Mins Read

    सचमुच आज तो
    आज तो आंखें नम हो गई
    इंसान की इंसानियत कम हो गई
    क्यों आज का इंसान सिर्फ अपने
    लिए ही सोच रहा
    सचमुच आज तो
    आंखें नम हो गई
    __prabha Issar

    सच्चाई आज तो,<span>दोहा</span>
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    कविताअन्य

    बहुत कोशिश की मैंने

    • Edited 2 years ago
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    • 114
    • 2 Mins Read

    बहुत कोशिश की मैंने
    कुछ अपनों को पाने की
    बीच की दूरियां मिटाने की
    रिश्तों को टूटने से बचाने की
    बरसों की दूरियां मिटाने की
    भाई को भाई से आपस में मिलाने की
    बहुत कोशिश की मैंने
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    बहुत कोशिश की मैंने ,<span>अन्य</span>
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    कविताबाल कविता

    एक जरूरी बात

    • Edited 2 years ago
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    • 143
    • 2 Mins Read

    एक ज़रुरी बात
    हिस्से मेरे भी आई थी
    मां ने मुझे कभी बतलाई थीं
    मां ने अपने अनुभवों से समझाई थी
    कभी उत्सुकता से मैंने भी जानी थी
    जीवन में उलझनों में फस जाओ तो
    उलझनों से उभरना भी
    Read More

    एक जरूरी बात ,<span>बाल कविता</span>
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    कवितानज़्म

    ज़रा सी रोशनी भी

    • Edited 2 years ago
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    • 357
    • 1 Mins Read

    ज़रा सी रोशनी भी
    अब तेरे आने की आहट को
    महसूस करती है
    ज़रा सी रोशनी भी
    अब हर लम्हा याद दिलाती हैं

    --Prabha Issar

    ज़रा सी रोशनी भी ,<span>नज़्म</span>
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    कविताअन्य

    मैंने क्या बिगाड़ा था

    • Edited 2 years ago
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    • 436
    • 2 Mins Read

    मैंने क्या बिगाड़ा था
    दो पल सुकून से जीना चाहता था
    बच्चों के साथ दो पल मुस्कुराना चाहता था
    दो गज ज़मीन के बंटवारे ने
    मेरे भी टुकड़े टुकड़े कर दिए
    इस बंटवारे ने मेरे प्यार , त्याग ,
    Read More

    मैंने क्या बिगाड़ा था ,<span>अन्य</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और भावपूर्ण