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Sahitya Arpan - Neha Tripathi
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Neha Tripathi

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  • कविताअतुकांत कविता

    शहीदो के नाम दिया जलाते है

    • Edited 3 years ago
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    • 198
    • 3 Mins Read

    एक दिया आज शहीदो के नाम जलाना है
    जिसने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किया
    उनको कभी नही भुलाना है

    आये देश पर विपत्ति तो
    सर कटवाने से नही डरते
    ऐसे वीरो के नाम आज दिया जलाना है
    उनको अपने दिल मे बसाना
    Read More

    शहीदो के नाम दिया जलाते है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    वीर जवान

    • Edited 2 years ago
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    • 116
    • 3 Mins Read

    एक दिया आज शहीदो के नाम जलाना है
    जिसने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किया
    उनको कभी नही भुलाना है

    आये देश पर विपत्ति तो
    सर कटवाने से नही डरते
    ऐसे वीरो के नाम आज दिया जलाना है
    उनको अपने दिल मे बसाना
    Read More

    वीर जवान,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताअन्य

    तुझसे प्यार करने लगी हूँ मै

    • Edited 3 years ago
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    • 114
    • 4 Mins Read

    तेरे बारे में सोचने लगी हूँ
    तुझसे बेशुमार प्यार अब करने लगी हूँ
    सोचा खत्म हो गयी ज़िन्दगी जब उसने तोड़ा है
    आकर तूने मुझे फिर से जोड़ा है

    तेरे बारे मे सोचने लगी हूँ में
    हा तुझसे बेशुमार प्यार करने
    Read More

    तुझसे प्यार करने लगी हूँ मै,<span>अन्य</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत प्यारी सी रचना

    Neha Tripathi3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    जनवरी की ठंड

    • Edited 3 years ago
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    • 179
    • 3 Mins Read

    जनवरी की ठंड बहुत सताती है
    जब माँ तेरी याद आती है
    विद्यालय से आने के बाद
    अपने हाथों से धूप में तू खाना खिलाती थी

    ठंड ज्यादा होने पर हमें
    शॉल में अपनी छुपाती थी
    माँ जनवरी की ठंड बहुत सताती है
    नहलाकर
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    जनवरी की ठंड,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना..! माँ के आंचल की गर्मी से ठंड भाग जाती है.

    Neha Tripathi3 years ago

    धन्यवाद अंकल जी

    कविताअन्य

    नारी को प्रणाम है

    • Edited 3 years ago
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    • 162
    • 4 Mins Read

    नारी को प्रणाम है


    वो करती जगत कल्याण है
    रखती सबका ख्याल है
    फिर क्यों नारी को
    मानते अभिशाप है
    नारी से तो चलती जीवन की पतवार है
    नही लटकती घरों पर दुख की तलवार है
    करती सभी का सम्मान है
    नारी ही हर घर
    Read More

    नारी को प्रणाम है,<span>अन्य</span>
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