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London is the capital city of England.
कविताअतुकांत कविता
एक दिया आज शहीदो के नाम जलाना है
जिसने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किया
उनको कभी नही भुलाना है
आये देश पर विपत्ति तो
सर कटवाने से नही डरते
ऐसे वीरो के नाम आज दिया जलाना है
उनको अपने दिल मे बसाना
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कविताअन्य
तेरे बारे में सोचने लगी हूँ
तुझसे बेशुमार प्यार अब करने लगी हूँ
सोचा खत्म हो गयी ज़िन्दगी जब उसने तोड़ा है
आकर तूने मुझे फिर से जोड़ा है
तेरे बारे मे सोचने लगी हूँ में
हा तुझसे बेशुमार प्यार करने
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कविताअतुकांत कविता
जनवरी की ठंड बहुत सताती है
जब माँ तेरी याद आती है
विद्यालय से आने के बाद
अपने हाथों से धूप में तू खाना खिलाती थी
ठंड ज्यादा होने पर हमें
शॉल में अपनी छुपाती थी
माँ जनवरी की ठंड बहुत सताती है
नहलाकर
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बहुत सुन्दर रचना..! माँ के आंचल की गर्मी से ठंड भाग जाती है.
धन्यवाद अंकल जी
कविताअन्य
नारी को प्रणाम है
वो करती जगत कल्याण है
रखती सबका ख्याल है
फिर क्यों नारी को
मानते अभिशाप है
नारी से तो चलती जीवन की पतवार है
नही लटकती घरों पर दुख की तलवार है
करती सभी का सम्मान है
नारी ही हर घर
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