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Sahitya Arpan - विमल शर्मा 'विमल'
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विमल शर्मा 'विमल'

'विमल'

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  • कविताअतुकांत कविता

    भ्रमर मन

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 178
    • 1 Mins Read

    अमात्रिक लेखन का एक प्रयास...

    उलझत नयन
    हरषत बदन
    बहकत सजन
    यह भ्रमर मन।

    बरसत गगन
    चहकत पवन
    तरसत सजन
    यह भ्रमर मन।

    महकत चमन
    करत मगन
    मचलत सजन
    यह भ्रमर मन।

    - ©विमल शर्मा'विमल'

    भ्रमर मन,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब नीचे वाली तस्वीर रचना से सम्बंधित तस्वीर लगा लीजिये।

    कवितागजल

    नित अधर लाली लगाना छोड़ दो

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 561
    • 3 Mins Read

    प्रेम तुम इतना लुटाना छोड़ दो।
    स्वप्न में आकर सताना छोड़ दो।


    एक तो घायल तुम्हें हूँ देखकर,
    और उस पर मुस्कुराना छोड़ दो।

    बिजलियाँ दिल पर गिराते हैं नयन,
    लाज से इनको झुकाना छोड़ दो।

    हैं मुझे पागल
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    नित अधर लाली लगाना छोड़ दो,<span>गजल</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    बहुत खूब!

    विमल शर्मा 'विमल'3 years ago

    जी हृदयतल से अमित आभार आपका

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    वाह बहुत सुंदर

    विमल शर्मा 'विमल'3 years ago

    जी हृदयतल से अमित आभार आपका

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    विमल शर्मा 'विमल'3 years ago

    जी हृदयतल से अमित आभार आपका

    कवितागजल

    रोटी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 615
    • 3 Mins Read

    रोटी

    हँसाती कभी तो रुलाती ये रोटी।
    जलन भूख की है मिटाती ये रोटी।

    न हिंदू न मुस्लिम न कोई इसाई,
    सभी को बराबर बनाती ये रोटी।

    दिखे भीख को हाथ फैलाए बच्चे,
    गरीबी में कितना सताती ये रोटी।

    थके पाँव
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    रोटी,<span>गजल</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    खूब

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    Aa Ka Ek Katu Satya.. !

    विमल शर्मा 'विमल'3 years ago

    हृदयतल से अमित आभार आपका

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत... खूब...।

    विमल शर्मा 'विमल'3 years ago

    हृदयतल से अमित आभार आपका

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    विमल शर्मा 'विमल'3 years ago

    हृदयतल से अमित आभार आपका