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Sahitya Arpan - Vandana Chauhan
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Vandana Chauhan

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  • कविताअतुकांत कविता

    नव वर्ष

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 243
    • 4 Mins Read

    नव वर्ष -

    नव उमंग, नव रंगों से
    नव वर्ष का है अभिनंदन
    जीवन में नव प्रत्याशा को
    नव दिनकर का ,
    नित प्रति वंदन
    नव वर्ष का है अभिनंदन


    हर किरण उजाला नव लाए
    गमों की बदली छट जाए
    बीते साल के कटु अनुभव भूल
    Read More

    नव वर्ष ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    sunder Bhaav.. !

    Vandana Chauhan3 years ago

    आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

    कविताअतुकांत कविता

    रिश्तों का अन्तर्द्वन्द

    • Edited 3 years ago
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    • 248
    • 6 Mins Read

    रिश्तो का अंतर्द्वंद -

    माँ बनने का अहसास
    होता है सबसे सुखद सबसे खास
    उस पवित्र शब्द को पूरित करती
    बेटा बेटी दोनों की आवाज
    बेटा कुल का रखवाला है
    बेटी है पराया धन कह
    क्यों रिश्तो में भर दिया अंतर्द्वन्द
    जन्म
    Read More

    रिश्तों का अन्तर्द्वन्द ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    Vandana Chauhan3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    ज्ञान का प्रकाश

    • Edited 3 years ago
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    • 398
    • 4 Mins Read

    गहन अंधकार में क्यों,
    भटकता रे प्राणी !
    मन की आंखें खोल,
    अपने अस्तित्व को टटोल।
    इस वैभव की ऐशगाह में तू ,
    कभी सुकून न पाएगा ।
    और जब तू जग में ,
    खुशियों का साया ढूंढेगा।
    तब दुनिया के मायाजाल के ,
    भँवर
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    ज्ञान का प्रकाश ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बढ़िया

    Bnl Das

    Bnl Das 3 years ago

    बहुत ही प्रेरक रचना

    Vandana Chauhan3 years ago

    बहुत बहुत आभार आपका ?

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Vandana Chauhan3 years ago

    स्नेहाभार ❤️

    कहानीसंस्मरण

    महंगी भूल

    • Edited 3 years ago
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    • 304
    • 10 Mins Read

    वैसे तो चीज़ें रखकर भूलने की कई यादें हैं । भूलने की एक घटना जो हम सब आज भी याद करते हैं उतना ही हंसते हैं जितना तब हंसे थे।
    1 साल पहले की बात है मेरी छोटी सिस्टर मेरे घर आई हुई थीं। उनके जुड़वा बच्चे
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    महंगी भूल ,<span>संस्मरण</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    शुक्र है बच्ची सुरक्षित रही

    Vandana Chauhan3 years ago

    हा अंकिता जी ..बहुत देर तक मैं भी उसे बहुत डांटती रही और बो भी डर गई ।

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    एक बहुत बड़ी भूल..!

    Vandana Chauhan3 years ago

    सही कहा आपने ..बहुत बहुत आभार आपका

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    #किस्सा कहानी एड कर लीजिये ad a tag में edit ऑप्शन में जाकर

    Vandana Chauhan3 years ago

    Ok mam

    लेखआलेख

    ट्रैन के लोकल डिब्बे का एक्सपीरियंस

    • Edited 3 years ago
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    • 272
    • 12 Mins Read

    संस्मरण :
    यह करीब सन 2001 की बात है ,सर्द जाड़ों के दिन थे मैं अपने कॉलेज की छुट्टी होने पर 4:30 बजे के करीब बस स्टॉप पर पहुंची लगभग आधा घंटा इंतजार करने के बाद पता चला कि शादियों की बुकिंग होने के कारण
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    ट्रैन के लोकल डिब्बे का एक्सपीरियंस,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    कभी न भूलने वाला.. बहुत रोमांचक संस्मरण..!

    Vandana Chauhan3 years ago

    आपका हार्दिक आभार

    कविताअतुकांत कविता

    प्रतीक्षा

    • Edited 3 years ago
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    • 311
    • 4 Mins Read

    चित्र आधारित प्रतियोगिता

    मेरी हर धड़कन में तेरा नाम है ,
    तेरी श्वांसों में भी मेरा नाम हो।

    है मेरी बस यही एक आरजू,
    मेरे ख्वाबों से तेरी सुबह शाम हो।

    प्यार में तेरे में कितनी दीवानी हुई,
    मेरे दिल
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    प्रतीक्षा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भावपूर्ण

    Vandana Chauhan3 years ago

    आभार ?