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London is the capital city of England.
आपकी रचना अच्छी है मगर ग़ज़ल में कम से कम पांच शेर होते हैं और काफ़िया और रदीफ़ भी। इस लिहाज़ से देखें तो यह ग़ज़ल नहीं है।
जी धन्यवाद बताने के लिए
आदरणीय आपकी यह कविता किसी भी रूप में ग़ज़ल प्रतीत नहीं होती है।
आपको क्या प्रतीत होती है यह कविता
कविताअन्य
लाड़ो...ओ लाड़ो...
माँ की लाड़ो,बाब की थी परी, वो थी भैया की छुटकी|
डर जब भी लगता, माँ कहती आ जा बेटी आँचल में मेरी|
बाबा कहते मेरी बहादूर बेटी,भैया कहते हमेशा करूँ रक्षा तेरी|
रखूँगा लाज राखी का बहना
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कवितालयबद्ध कविता
बडा घमंड था मुझे तुम पर,था गुरूर भी बहुत तुम पर|
था भरोसा तुम पर इतना मेरा,
जोड लोगे इस टूटे दिल को तुम मेरा,
छुडा कर न जाओगे तुम हाथ मेरा|
मगर अफसोस , तुम भी दगा दे गये|
जो कहता था हमेशा मुस्कुराते रहना,आज
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कविताअन्य
सप्ताहिक कार्यक्रम,साहित्य उत्थान
विषय- विधा
काव्य वृद्धजन के सम्मान पर
दिनांक-27/10/20
रानी सिंह
खड़गपुर(प.बंगाल)|
वृद्ध जीवन
नव विवाह दंपत्ती का हुआ स्वागत
किया गृहप्रवेश हाथों में हाथ लिए|
लेकर
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कविताअन्य
खुली किताब.....
मैं एक खुली किताब,जिसे पढ़ न सके तुम कभी|
पढना तो दूर, पन्ने भी पलटे न कभी||
सपने आज भी अधूरे रहे गये,जिसे कर न सके तुमने पूरे कभी.....
आस आज भी तुमसे ऐसी है, कि पूरी करोगे इनको तुम भी कभी....
सारे
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तुमने कर लीजिए, थोड़ी बहुत टँकन त्रुटियाँ है कोई बात नही धीरे धीरे सभी सही हो जाएगा प्रयास अच्छा है आपका लिखती रहिये पोस्ट करती रहिये। और साथ ही सभी पोस्ट पर कॉमेंट भी करते रहिए।
जी धन्यवाद!?बस आप ऐसे ही मार्गदर्शन कराते रहिए|