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Sahitya Arpan - Beena Ajay Mishra
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Beena Ajay Mishra

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  • Reader Points 35

  • कवितालयबद्ध कविता

    एक नया निर्माण दो

    • Edited 4 years ago
    Read Now
    • 113
    • 3 Mins Read

    सपनों में आकर हे प्रिय!
    अंकपाश में लेते हो
    नींद मधुर हो जाती है
    नैनों की नैया खेते हो
    लाज बनी है मधुयामिनी
    दो आँखें जैसी सुहाग-दिन
    आओ स्पर्श करो मन को
    मैं बैठी हूँ क्षण-क्षण को गिन
    शुष्क देह की पटिका
    Read More

    एक नया निर्माण दो,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 4 years ago

    सुंदर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 4 years ago

    बहुत खूब ?

    कवितालयबद्ध कविता

    एक नया निर्माण दो

    • Edited 4 years ago
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    • 191
    • 3 Mins Read

    पनों में आकर हे प्रिय!
    अंकपाश में लेते हो
    नींद मधुर हो जाती है
    नैनों की नैया खेते हो
    लाज बनी है मधुयामिनी
    दो आँखें जैसी सुहाग-दिन
    आओ स्पर्श करो मन को
    मैं बैठी हूँ क्षण-क्षण को गिन
    शुष्क देह की पटिका
    Read More

    एक नया निर्माण दो,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 4 years ago

    बहुत खूब

    कवितालयबद्ध कविता

    तुम

    • Edited 4 years ago
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    • 211
    • 3 Mins Read

    तुम......

    तुम धूप हो तुम छाँव हो
    पसरी हुई निस्तब्धता में
    जीवन्त हुआ एक ठाँव हो
    घिर-घिर कर जब आया तम
    तुमने ही दीया जलाया
    जब जब हाथों से छूटे हाथ
    तुमने ही हृदय बिछाया
    अभिलाषा को प्राण दिए
    मन को फिर आकाश
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    तुम ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 4 years ago

    अच्छा लिखा

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 4 years ago

    ठाँव शब्द समझ नही आया ? शायद मैंने पहली बार सुना है। बाकी रचना पढ़ी बहुत सुंदर लिखती हैं आप ?

    कविताअतुकांत कविता

    अपनी उड़ान को....

    • Edited 4 years ago
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    • 124
    • 4 Mins Read

    अपनी उड़ान को...

    सुनो !भारी हो गए हैं तुम्हारे पंख
    झटक दो इन्हें एक बार
    उड़ान से पहले इनका हल्का होना
    बहुत आवश्यक है
    इन पर अटके हैं कुछ पूर्वाग्रह
    कुछ कुंठाएँ जिन्हें तुमने सहेजा है
    और सहेजे जा
    Read More

    अपनी उड़ान को....,<span>अतुकांत कविता</span>
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