मैं एक स्त्री,पेशे से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्यार से एक नई मां, और दिल से एक पुरानी रचनाकार जो समय की आपाधापी से छूटकर अब फिर से अपनी कलम से अपने आप को खोज रही है।
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London is the capital city of England.
कवितालयबद्ध कविता
गुरु की महिमा कोई क्या गायें,
जीवन सारा ही जिनका ऋण,
हर रूप में, मानो पाए हैं,
नर रूप में ,हमने नारायण!
हम क्या थे बस कच्ची माटी,
मिले कुशल हाथ कुम्हार के,
हमें रंग रूप, आकार दिया,
कभी हो कठोर,कभी प्यार
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कवितालयबद्ध कविता
गहरे दुनिया के समंदर में,
हर उम्र के अपने बवंडर थे,
इक नाव थी छोटी सी दिल की,
तूफां कई बाहर अंदर थे,
हम जोर जोर से चिल्लाए,
पर कोई नहीं जो सुन पाए,
सबकी अपनी अपनी थीं लहरें,
सब अपने शोर से ही बहरे,
सब
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कवितालयबद्ध कविता
#महल और झोपड़ी (प्रतियोगिता हेतु)
बड़े शहर की बड़ी सड़क पर
कितने चेहरे दिख जाते हैं,
शहर है या है कोई मंडी,
खड़े खड़े सब बिक जाते हैं,
इन रीते चेहरों के पीछे,
कुछ नहीं है, कुछ नहीं है,
कुछ नहीं, सचमुच नहीं
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कवितालयबद्ध कविता
# बला का जूता(प्रतियोगिता हेतु)
रुग्ण, रूप में रौंदता सा ये समय है,
हमारे कर्मों से उपजी, जो ये महाप्रलय है,
मेरा तेरा नहीं, संकट है पूरे विश्व पर,
लगा ग्रहण मानो, मनुष्य के अस्तित्व पर,
ये है घड़ी कि,
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