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Sahitya Arpan - Beena Phulera
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Beena Phulera

Writer's Pen Name not added

साहित्य एक साधना हैं जिसका साधक अनवरत लेखन हैं ।

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  • Reader Points 235

  • कवितागीत

    गीत "जिंदगी की कहानी"

    • Edited 3 years ago
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    • 303
    • 5 Mins Read

    जिंदगानी की कहानी " गीत

    ना चिठ्ठी हैं कोई न संदेशा मिला है
    एक परिंदा हुआ घर से अपने जुदा हैं
    अपनी ये कहानी वो सुनाए यहाँ किसको
    पिहुँ पिहुँ करता पपीहा हो जैसे ।

    अंधेरों में गम के सोया हुआ
    तन्हाइयों
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    मैम कृपया अपनी रचना को प्रतियोगिता के लिए एड कर दें और रचना के कवर पिक में अपनी तस्वीर की जगह रचना से संबंधित कोई तस्वीर लगा दें

    कविताअतुकांत कविता

    शांति दिवस

    • Edited 4 years ago
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    • 124
    • 6 Mins Read

    ना खुद लड़ेंगे न औरों को हम लड़ाएंगे
    आओ हम शांति अमन चैन विश्व मे लाएंग

    प्रकृति ने दिए हमे निःशुल्क ये उपहार
    पर्वत नदियाँ धरती अम्बर सुंदर ये संसार

    प्रेम पात्र अमर ज्योति दिलो में जलाने को
    दिया
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    शांति दिवस,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीऐतिहासिक

    सौतन ( फॉर वैथ)

    • Edited 4 years ago
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    • 192
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    आंगन में बहुत सारे लोगों को एक साथ आते देखकर भारती अपने सिर के पल्लू को रोकती बच्चे को गोद में लेकर छटते बादल की तरह अंदर की ओर चली गयी।
    कई लोगो के बूटों की आवाज से वह तनिक घबड़ाई दरवाजे के पीछे से
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    सौतन ( फॉर वैथ),<span>ऐतिहासिक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 4 years ago

    बहुत भावपूर्ण स्रजन..!

    कविताअतुकांत कविता

    हिंदी भाषा

    • Edited 4 years ago
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    • 185
    • 9 Mins Read

    हिंदी दिवस पर मेरी कविता
    साहित्य अर्पण ???????

    मैं ये नही कहती कि किसी का देश छोटा हैं
    ये नही कहती कि तेरी भाषा मे कोई खोट बैठा हैं
    मुझे कहना है बस इतना
    की कोई हो नही सकता
    मेरे भारत के जितना
    कोई भाषा दे
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    हिंदी भाषा ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    हास्य की तीन चुटकियां

    • Edited 4 years ago
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    • 200
    • 1 Mins Read

    हास्य की तीन चुटकियां
    एक

    हास्य की तीन चुटकियां,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताबाल कविता

    बादल

    • Edited 4 years ago
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    • 239
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    आए बादल आए बादल
    रंग बिरंगे आए बादल
    उल्टी नीली छतरी के ऊपर
    एक एक कर छाए बादल
    काले भूरे नीले बादल
    लाल आंखों से घूरे बादल
    आड़े तिरछे और खड़े
    आसमान पर उखड़े बादल
    मुहँ फुला कर निकले घर से
    मुठ्ठी भर पानी
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    बादल,<span>बाल कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 4 years ago

    बहुत बढ़िया

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 4 years ago

    Bahut khoob

    कवितालयबद्ध कविता

    छुप कर वार न कर

    • Edited 4 years ago
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    • 196
    • 4 Mins Read

    छुप कर वार न कर"

    तू हरगिज मुझसे प्यार न कर ,
    यो छुप कर मुझ पर वार न कर।
    सामने आकर बात कर मुझसे-
    पीठ पीछे पैरो से संहार न कर।।

    आदमी हैं आदमी की हदों में रह,
    तनकर चल झुक कर यो न ढह-
    क्यों जलता है मेरी सख्सियत
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    छुप कर वार न कर,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 4 years ago

    आत्मविश्वास से भरी पंक्तियां अच्छा लिखा है आपने

    Beena Phulera4 years ago

    धन्यवाद जी

    कविताबाल कविता

    दादी आयी ।।

    • Edited 4 years ago
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    • 344
    • 5 Mins Read

    दादी आयी"

    दादी आयी दादी आयी ।
    संग किस्से कहानी लाई।।
    चिंटू मिंटू मंजू अंजू आओ।
    सुनो कहानी कान लगाओ।।
    एक कहानी गुब्बारे की।
    औऱ भालू की हमे सुनाओ।।
    क्या देखा हैं बाघ को तुमने,।
    शेर के किस्से भी सुनाओ।।
    बचपन
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    दादी आयी ।।,<span>बाल कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मैं आ रहा हूँ ।

    • Edited 4 years ago
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    • 249
    • 6 Mins Read

    मैं आ रहा हूँ:-

    गुजरे जमाने की तरह
    कुचला गया पद चापों से
    दबा हूँ अपनी ही जमीन पर
    मरा नही अधमरा हूँ
    आहत हूँ मैं समय की
    बढ़ती तेज रफ्तार से
    मेरे हिस्सें की धूप
    मेरी आँतो की भूँख
    जीवन की प्यास
    सब कुछ जिंदा
    Read More

    मैं आ रहा हूँ ।,<span>अतुकांत कविता</span>
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