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तू ही सही है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तू ही सही है

  • 35
  • 2 Min Read

जबतब हबीब को मेरे मुझसे कोई गलतफ़हमी रही है,
उसके तारीफों के कसीदे पढेहैं के तुमसा कोई नहीं है!

रूठे यार को मनाने के लिए हर बार बात यही कही है,
कि हाँ मैं ही गलत हूँ हर - बार की तरह तू ही सही है!

माफी मान लेनेसे कोई छोटे बाप का नहीं हो जाता है,
मग़र बशर फिर भी वोह जो चाहता है होता वही है!

©️✍️ #बशर
Dr.N.R.Kaswan

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