Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
अहसास भी रख लो - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अहसास भी रख लो

  • 85
  • 1 Min Read

ये जो आज -कल इतनी फ़िक्र करता रहता है तुम्हारी
कमबख़्त कमजर्फ दिलको तुम अपने पास ही रखलो
हमारी हो जाएगी बसर फुर्क़त -ओ -फ़िराक़ में तुम्हारे
बेशक तुम हमारे जीने के तमाम अहसास भी रख लो

© "बशर"

logo.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg