Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
बन गए किस्से-कहानी अफ़्साने लोग - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बन गए किस्से-कहानी अफ़्साने लोग

  • 30
  • 3 Min Read

आने लगे हैं रोजो-शब मैखाने लोग
कुछ जाने और कुछ अनजाने लोग!

प्याले छोड़ कर लगे हैं पिलाने लोग
आंखों ही से आंखों को पैमाने लोग!

अजीब नशा इन नशीली आंखों का
बिन पीये लगे हैं येह छटपटाने लोग!

नादाँ कोईनहीं मयकशों की भीड़ में
शुमार हैं समझदार और सयाने लोग!

मयके भर प्याले पर प्याले पी पीकर
अपने-अपने सपने लगे सजाने लोग!

तसव्वुर -ए - जानाँ किये हुए बैठे हैं
लिए हुए अपने दिल के वीराने लोग!

सपन-परी से प्रणयके तसव्वुर में सब
लगे वरमाला प्यालोंकी पहनाने लोग!

रोज यहाँपर आनेवाले ये दीवाने लोग
बनगए किस्से-कहानी अफ़्साने लोग!

© dr. n. r. kaswan "bashar" 🍁

NRK-Photofelicitated-Pensioners_1710526065.jpg
user-image
आग बरस रही है आसमान से
1663935559293_1717337018.jpg
उम्रभर हमको काम आईं माँ की दुआएं
InCollage_20240318_190408895_1717353778.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg