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कवितानज़्म
आलम ए अहद ए जवानी सलामत शराबे ख़राबात की रवानी सलामत रिंदों का ईमान मयकशों की मस्ती इन पीने वालों की कहानी सलामत © डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" 🍁