Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
बेहतर ख़ामोशी तेरी आज - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बेहतर ख़ामोशी तेरी आज

  • 84
  • 1 Min Read

जरा सोच समझकर बोला कर अल्फ़ाज
गफलत में अक़्सर ही खुल जाते हैं राज

कल यहाँ पर किस ने देखा है ऐय दोस्त
बोलनेसे कहीं बेहतर ख़ामोशी तेरी आज

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" 🍁

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg