Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
क़यामत की बारी है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

क़यामत की बारी है

  • 43
  • 1 Min Read

सितम हम पर भारी है,
रंजोग़म दिलपर तारी है!

वस्ले-यार की तैयारी है,
कि क़यामत की बारी है!

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" 🍁

logo.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg