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रंजो-मलाल का अंबार - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रंजो-मलाल का अंबार

  • 93
  • 1 Min Read

बेहिस हुआ पड़ा सुकून यहाँ बेज़ार,
मंदा पड़ गया है मसर्रतों का कारोबार!

ऊरूज पे आगया ग़मों का व्यापार,
हरसू लगा हुआ रंजो-मलाल का अंबार!

#बशर

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