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कवितानज़्म
खुद को बनाना और बात है खुद को जानना और बात किसीसे मनवाना और बात किसीको मानना और बात किसीको कहना और बातहै किसीको सुनना और बात किसीको चाहना और बात किसीके हो जाना और बात © "बशर" بَشَر 🍁