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इतना सा ही तो फ़र्क है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

इतना सा ही तो फ़र्क है

  • 24
  • 1 Min Read

बस इतना सा ही तो फ़र्क है मन की बात कह देने में और नहीं कहने में
फैसले हो जाते हैं कह देने से, फासले हो जाते हैं मन में रख लेने से
© dr. n. r. kaswan "bashar"

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