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जिंदा रहना है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जिंदा रहना है

  • 37
  • 1 Min Read

क़ज़ा हमें तेरे घर जानेतक जिंदा रहना है
येह सफ़र गुज़र जाने तक जिंदा रहना है

माना के कांटो से भरी है राहे हयात बशर
मग़र मंज़िल पर जाने तक जिंदा रहना है

#बशर

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