Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
हबीब तेरे दर्शन के प्यासे है दो नैन सताये याद तेरी हर - पल दिन -रैन, तुझ से इतने दूर आ बैठे हैं कि हम तरस गए हैं तेरे सुनने को मधु बैन! डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" 🍁