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बशर तू कहाँ फिदा है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बशर तू कहाँ फिदा है

  • 24
  • 2 Min Read

तुम यहाँ कहाँ हो
हम यहाँ कहाँ हैं
हमारे तुम्हारे सिवा
कोई औरही यहाँ है

अकेले और तन्हा हैं
आए जब से यहाँ हैं
इन्सान यहाँ कहाँ है
फरिश्तों का जहाँ है

हरकोई जुदा जुदा है
अपने में ही ख़ुदा है
जफ़ाओं की सबा है
बशर तूकहाँ फिदा है


@"बशर"

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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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ये ज़िन्दगी के रेले
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यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
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वो चांद आज आना
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