Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
अंदेशा ए फुर्क़त का मलाल आता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अंदेशा ए फुर्क़त का मलाल आता है

  • 83
  • 2 Min Read

आलम-ए-बे-खुदी ओ बे-खयाली में इक तेरा ही ख़्याल आता है,
विसाल -ए -हबीब में भी हिज्र -ओ- फ़िराक़ का सावाल आता है!
जितना भी आते -जाते हो मिरे हबीब क़रीबतर मेरे वज़ूद के तुम,
खुशी बेशुमार मग़र अंदेशा ए फुर्क़त का बेहिसाब मलाल आता है!

© dr.n.r.kaswan "bashar"

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg