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अय्यारी जहाँ होगी - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अय्यारी जहाँ होगी

  • 42
  • 2 Min Read

अय्यारी जहाँ होगी,
मय्यारी कहाँ होगी!

जि-सू हो मक्कारी,
दुश्वारी वहाँ होगी!

मतबख़ में तकरार,
तरकारी कहाँ होगी!

हर-सू जंगे इम्तिहाँ,
तैय्यारी कहाँ होगी!

मरमिटने में जीनेकी,
फिरबारी कहां होगी!

तू-तू मैं-मैं बीच बारी,
हमारी कहाँ होगी!!

© dr.n.r.kaswan "bashar"

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