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कवितानज़्म
हम न होते तो भी येह जहाँ होता हम न होंगे तो भी येह तहाँ होगा जमींआस्मा चांदसितारे सब होंगे ना जाने वजूद हमारा कहाँ होगा © डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"