Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
दीवाली न चैन देगी होली न चैन देगी, ना तो तीज चैन देगी ना ईद चैन देगी! बेचैन मनको तेरे यहां अक़्सर "बशर", न येह दिन चैन देगा न नींद चैन देगी! © डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"