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कवितानज़्म
तुलू-ए-आफ़्ताब नज़र आए अगर तो घनश्याम नज़र आए जो घनश्याम नज़र न आए तो जीवन की शाम नज़र आए किसी को आए ना आए नज़र नटवर नागर मुरलीधर मग़र हमको तो प्यारे गिरधर गोपाल बशर उम्रेतमाम नज़र आए ~ dr.n.r.kaswan "bashar" 🍁