Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
इधर से गुज़र जाने के बाद - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

इधर से गुज़र जाने के बाद

  • 34
  • 1 Min Read

मुसलसल गूँजते रहते हैं सन्नाटे
कारवाँ के रहगुज़र से गुज़र जाने के बाद,

वक़्त रहता है किसीका मुंतज़िर
मुसाफ़िर के इधर से गुज़र जाने के बाद!!

© dr. n.r.kaswan "bashar" 🍁

logo.jpeg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg