Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
जमाने वालो इन फ़क़ीरों की बे-दाग चादर पर दाग क्या दोगे सौगात-ए-महताब ठुकराने वालों को ख़ैरात-ए-चराग़ क्या दोगे © dr. n.r.kaswan "bashar" 🍁