Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
प्रेम - Dr Hoshiar Singh Yadav (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

प्रेम

  • 86
  • 5 Min Read

साहित्य अर्पण एक पहल
विषय-चित्र पर आधारित
प्रेम
विधा-कविता
14 फरवरी 2024
*************
प्रेम प्रतीक्षा, बड़ा दर्द दे जाती,
तब जाके मिलन घडिय़ा आती,
किस्मत का सेब खेल दिखाती,
खुशियां मिले फिर लौट जाती।

प्रेम प्रतीक्षा, कड़वा होता बाण,
घटती दृष्टि, घट जाती है घ्राण,
प्रेम मिलन में कभी बसे प्राण,
प्रेम बिना लगता जन निष्प्राण।

प्रेम प्रतीक्षा, सदियों से पुरानी,
कहीं हीर हुई कहीं राजा जानी,
प्रेम प्रतीक्षा नहीं, करे मनमानी,
मिलन होता कभी,नहीं हैरानी।

प्रेम मार्ग बहुत कठिन बताया,
चलकर गया उसने कुछ पाया,
मौत को जिसे गले से लगाया,
वो प्रेम में डुबकी लगा पाया।

प्रेम किया जब शीरी फरियाद,
उन्हें हसीं जमाना याद आया,
प्रेम प्रतीक्षा, मीरा ने किया था,
प्रभु श्रीकृष्ण का, प्यार पाया।
******************
स्वरचित/मौलिक
******************
* डा. होशियार सिंह यादव
मोहल्ला-मोदीका, वार्ड नंबर 01
कनीना-123027 जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा
फोन 09416348400

logo.jpeg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg