कविताअतुकांत कवितालयबद्ध कविता
हिंदी दिवस विशेष रचना
हिंद देश हिंदी दिवस, और हिंदी का मान..
अपने हिन्दुस्तान की, ये प्रमुख है पहचान..
हिंदी में है सभ्यता, सादगी का एहसास..
पूर्ण जगत भी कर रहा, अब इस पर विश्वास..
हिंदी जगत साहित्य की, महिमा अपरंपार..
छंद, व्याकरण, गद्य से, स्वर्णिम ये संसार..
प्रेम, पंत, देवी, बच्चन, दिनकर, सूर्य, प्रसाद..
महान हिंदी उपासकों को, नमन है मेरा आज..
हिंदी भाषा की चमक, फैली है चारों ओर..
अप्रवासी भी होते है, जान कर भावविभोर...
स्वामी जी ने जब दिया, धर्म संसद मे उद्गार..
पूर्ण शिकागो भी झूम उठा, सुन उनके सुविचार..
हिंद की धरा पे जन्म लिया, हिंदी ही मेरा मान..
अपनी इस पहचान पर,, मुझको है अभिमान...
स्वरचित - विनय गौतम (विनम्र)