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आईना ख़राब - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आईना ख़राब

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ताबीर क्या करें उलझे हुए ख़्वाब की
फ़जूल है तजस्सुस दिल-ए-बेताब की

सूरत धुंधला गई उन के तबो-ताब की
फ़ितरत यही बशर आईना ख़राब की

डॉ.एन.आर.कस्वा # बशर
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ताबीर=व्याख्या, तजस्सुस=उत्सुकता,
तबो-ताब=चमक-दमक, फ़ितरत=शरारत

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