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कवितानज़्म
भूल कर भी ये भूल मत करना किये कराये पर धूल मत करना बच्चे तो सभी नादान कहलाएंगे बुज़ुर्गियत को फ़जूल मत करना © dr. n. r. kaswan "bashar" Surrey/02/02/2024