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जवानी हमने रूठने मनाने में गुजारी है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जवानी हमने रूठने मनाने में गुजारी है

  • 46
  • 2 Min Read

हमारे रूठने की तुम्हारे मनाने की बारी है
तुम्हारे रूठने की हमारे मनाने की बारी है

उम्र ए मस्ती ज्यादा हमारी है न तुम्हारी है
ये जवानी हमने रूठने मनाने में गुजारी है

© ✒️ डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर" 🍁

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