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कहनेको अश्आर नहीं है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

कहनेको अश्आर नहीं है

  • 41
  • 1 Min Read

जख़्म सब भर गए बशर मग़र
दर्द का कोई पारावार नहीं है!

ख़्यालात भी हैं अल्फ़ाज भी हैं
पर कहनेको अश्आर नहीं है!

©✒️डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"

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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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ये ज़िन्दगी के रेले
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यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
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प्रपोजल
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वो चांद आज आना
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