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कवितागजल
नमस्कार एक शायरी लिखी सालो पहले अब्र की रात है , ढलेगी आहिस्ता आहिस्ता, सब्र की बात है, बनेगी आहिस्ता आहिस्ता
मेरी पहली पोस्ट, मेरी शुरूवात की पहली सीढ़ी। धन्यवाद