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राम आयेंगे - Rinku Bumra (Sahitya Arpan)

कविताभजन

राम आयेंगे

  • 29
  • 4 Min Read

नमन मंच
माता कोशल्या अपने पुत्र के आगमन पर
विषय - राम आयेंगे
विधा - भजन

1मैं सबको बताऊं, मै सबको सुनाऊं
राम आयेंगे, मेरे राम आयेंगे,

ये खुशियों के आंसू बस बह निकले| २|
मुझमें यांदो के आंसू बचे ही नही

ये महलों की रौनक अब जगमगा है रही|२|
14 वर्षो तक ये रौनक भी रोती ही रही

खाते रहे तुम कंदमूल वन में|२|
यहां पकवानों में खुशबू थी ही नही

सहते रहे तुम सावन का गिरता पानी|२|
यहां सावन के झूलों में शरारत थी ही नही

चुभते कांटे तेरे कोमल पैरो में|२|
यहां हंसता चेहरा भी कोई दिखा ही नही
मैं सबको बताऊं , मै सबको सुनाऊं
राम आयेंगे, मेरे राम आयेंगे,

स्वरचित : भजन
रिंकु बुमरा
महेंद्रगढ़, हरियाणा

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