कविताभजन
नमन मंच
माता कोशल्या अपने पुत्र के आगमन पर
विषय - राम आयेंगे
विधा - भजन
1मैं सबको बताऊं, मै सबको सुनाऊं
राम आयेंगे, मेरे राम आयेंगे,
ये खुशियों के आंसू बस बह निकले| २|
मुझमें यांदो के आंसू बचे ही नही
१
ये महलों की रौनक अब जगमगा है रही|२|
14 वर्षो तक ये रौनक भी रोती ही रही
१
खाते रहे तुम कंदमूल वन में|२|
यहां पकवानों में खुशबू थी ही नही
१
सहते रहे तुम सावन का गिरता पानी|२|
यहां सावन के झूलों में शरारत थी ही नही
१
चुभते कांटे तेरे कोमल पैरो में|२|
यहां हंसता चेहरा भी कोई दिखा ही नही
मैं सबको बताऊं , मै सबको सुनाऊं
राम आयेंगे, मेरे राम आयेंगे,
स्वरचित : भजन
रिंकु बुमरा
महेंद्रगढ़, हरियाणा