Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मंज़िलें दूर नहीं हो जाया करतीं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मंज़िलें दूर नहीं हो जाया करतीं

  • 50
  • 1 Min Read

रफ़्तार ए सफ़र पर बशर पड़ता है असर
अक़्सर तबिय किसी की नासाज़ होने पर,

मंज़िलें दूर नहीं हो जाया करती हैं मग़र
किसी ऐरे गैरे नत्थू खैरे के नाराज़ होने पर!

© dr. n. r. kaswan "bashar"

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg