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तुमजो चाहोतो फ़ासले और बढा लो - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तुमजो चाहोतो फ़ासले और बढा लो

  • 37
  • 1 Min Read

हम से फ़िराक़ रख कर अगर मुस्कुरा सको तो मुस्करा लो
हमको है मंज़ूर बशर तुमजो चाहोतो फ़ासले और बढा लो
© dr. n. r. kaswan "bashar"

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