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राज लिखे जाते हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

राज लिखे जाते हैं

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कल तक जो थे महज ख़्यालात वोह आज लिखे जाते हैं
होता है सबब लिखने का लफ़्ज नहीं बेकाज लिखे जाते हैं

पढने वाले 'बशर' को लगता है कि अल्फ़ाज लिखे जाते हैं
लिखने वाले के मग़र जज़्बात दिल के राज लिखे जाते हैं

© dr. n. r. kaswan "bashar"

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